दिल तोड़ने की सजा क्या है कानून मे?
दूसरी कड़ी (पहले भाग को यहाँ से पढ़े -रिश्ते बनने मे बाधक है विश्वाश)
आज फिर एक प्रश्न लेकर हाजिर हूँ आपसबों के समक्ष:
क्या दिल तोड़ने के लिए कानून मे कोई प्रावधान है? क्या इसमे दर्द नही होता? क्या सारे चोट भौतिक रूप से दृष्टिगोचर होते है? दिल पर लगी चोट को कैसे दिखाया जा सकता है? क्या कभी आपने किसी मर्द को फूट फूट कर रोते देखा है?
मैंने देखा है और सुनी है रामकहानी रिमझिम बरसते नयनो के साथ। आलंकारिक रूप से नयन स्त्रीलिंग के लिएरूढ़ हो जाते है पर मेरे सामने बैठा इन्सान पुरूष था। 5 वर्षों से जिसके लिए वह सबकुछ छोड़ कर जी रहा था उसनेएक झटके मे उससे कह दिया कि अब मै नही रह सकती तुम्हारे साथ? आज तक जो था प्यार नही बस inflactuation था। और जनाब अवाक् हो सुना कर लौट आए। फिर याद आई उनसे पॉँच साल पुराने दोस्त की तोमेरे सामने आ कर बैठ गए। पॉँच साल तक साथ जीने मरने की कसमे खाने, एक लड़की के लिए हर रिश्ते से दूरहोते जाने और प्यार को जिंदगी मान लेने के बाद जब इन्सान को इस प्रकार का जवाब मिले तो उसके दर्द को हमसमझने का बहाना तो कर सकते, पर समझ नही सकते।
वह इन्सान जो उसके साथ कुछ भी कर सकता है, उसके प्रेम पत्र, उसके फोटो, और न जाने कितनी चीजे लेकर उसेपरेशान कर सकता था उसने मात्र इतना ही कहा कि जाओ तुम खुश रहो और भींगी आँखों के साथ वापस आ गया। पर अब मै उसे कैसे संभालूं? पागल बस एक ही सवाल पूछता जा रहा है कि दिल तोड़ने की भी कोई सजा होती हैक्या? मै क्या जवाब दूँ उसे? समझाने की कोशिश कर रहा हूँ, पर समझाना कब इतना आसान हुआ है?
नींद की दवा खाने के सोना और उठाकर फिर ख़ुद को व्यस्त करने का दिखावा करना, यही प्यार का अंजाम है तोभगवान ना करे कि कोई प्यार करे। कहते है समय शायद सब घाव भर देता है पर ये समय आएगा कब? आज जबउसने कहा कि न तो अब वह कभी प्यार पर विश्वाश कर पायेगा ना ही जिन्दगी मे किसी से शादी कर पायेगा, तबसे मै बैठा हूँ और सोच रहा हूँ कि कोई पोस्ट लिखू। पर मन तो कुछ सोच ही नही पा रहा। एक इन्सान का टूटा औरउदास चेहरा बस आँखों के सामने पड़ा है?
अगर कोई लड़की होती तो उसपर विश्वाश्घात, शारीरिक शोषण और ना जाने कितने आरोप लगा सकती थी। पर एक पुरूष के पास तो यह भी अधिकार नही। और टूटा दिल किसी को दिखाया नही जा सकता है...
रिश्तों पर एक और पोस्ट
वह सम्बन्ध ही क्या जो बार-बार टूटे नहीं
आज फिर एक प्रश्न लेकर हाजिर हूँ आपसबों के समक्ष:
क्या दिल तोड़ने के लिए कानून मे कोई प्रावधान है? क्या इसमे दर्द नही होता? क्या सारे चोट भौतिक रूप से दृष्टिगोचर होते है? दिल पर लगी चोट को कैसे दिखाया जा सकता है? क्या कभी आपने किसी मर्द को फूट फूट कर रोते देखा है?
मैंने देखा है और सुनी है रामकहानी रिमझिम बरसते नयनो के साथ। आलंकारिक रूप से नयन स्त्रीलिंग के लिएरूढ़ हो जाते है पर मेरे सामने बैठा इन्सान पुरूष था। 5 वर्षों से जिसके लिए वह सबकुछ छोड़ कर जी रहा था उसनेएक झटके मे उससे कह दिया कि अब मै नही रह सकती तुम्हारे साथ? आज तक जो था प्यार नही बस inflactuation था। और जनाब अवाक् हो सुना कर लौट आए। फिर याद आई उनसे पॉँच साल पुराने दोस्त की तोमेरे सामने आ कर बैठ गए। पॉँच साल तक साथ जीने मरने की कसमे खाने, एक लड़की के लिए हर रिश्ते से दूरहोते जाने और प्यार को जिंदगी मान लेने के बाद जब इन्सान को इस प्रकार का जवाब मिले तो उसके दर्द को हमसमझने का बहाना तो कर सकते, पर समझ नही सकते।
वह इन्सान जो उसके साथ कुछ भी कर सकता है, उसके प्रेम पत्र, उसके फोटो, और न जाने कितनी चीजे लेकर उसेपरेशान कर सकता था उसने मात्र इतना ही कहा कि जाओ तुम खुश रहो और भींगी आँखों के साथ वापस आ गया। पर अब मै उसे कैसे संभालूं? पागल बस एक ही सवाल पूछता जा रहा है कि दिल तोड़ने की भी कोई सजा होती हैक्या? मै क्या जवाब दूँ उसे? समझाने की कोशिश कर रहा हूँ, पर समझाना कब इतना आसान हुआ है?
नींद की दवा खाने के सोना और उठाकर फिर ख़ुद को व्यस्त करने का दिखावा करना, यही प्यार का अंजाम है तोभगवान ना करे कि कोई प्यार करे। कहते है समय शायद सब घाव भर देता है पर ये समय आएगा कब? आज जबउसने कहा कि न तो अब वह कभी प्यार पर विश्वाश कर पायेगा ना ही जिन्दगी मे किसी से शादी कर पायेगा, तबसे मै बैठा हूँ और सोच रहा हूँ कि कोई पोस्ट लिखू। पर मन तो कुछ सोच ही नही पा रहा। एक इन्सान का टूटा औरउदास चेहरा बस आँखों के सामने पड़ा है?
अगर कोई लड़की होती तो उसपर विश्वाश्घात, शारीरिक शोषण और ना जाने कितने आरोप लगा सकती थी। पर एक पुरूष के पास तो यह भी अधिकार नही। और टूटा दिल किसी को दिखाया नही जा सकता है...
रिश्तों पर एक और पोस्ट
वह सम्बन्ध ही क्या जो बार-बार टूटे नहीं
1 comments:
wahi jo desh ko tadane walon kee milti hai.narayan narayan
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