हम तो नही समझे, आपने समझा क्या?
तनहा हो कर भी तन्हाई नहीं मिलती,
तेरी यादों से मुझे जुदाई नहीं मिलती
कहा है वक़्त का मरहम बता मुझे 'आनंद'
खुदा दुनिया में अब तेरी खुदाई नहीं मिलती
तेरी यादों से मुझे जुदाई नहीं मिलती
कहा है वक़्त का मरहम बता मुझे 'आनंद'
खुदा दुनिया में अब तेरी खुदाई नहीं मिलती
कुछ बातें अगर बिन कहे समझ जाए तो ना कहने का भी एक अलग मजा होता है, है ना....
1 comments:
sahi kaha aapne magar wo dil aur wo jazbaat har kisi ke pass nhi hote aur hum chahte hain koi ho aisa jo bina dekhe bina jaane bina kahe sab jaan le.
maine bhi likha hai isi bare mein apne blog zakhm par..........padhiyega shayad aapka kaha aur mera kaha ek jaisa hi hai aur dard bhi.
vandana-zindagi.blogspot.com
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