बरसात मे तन के साथ भीगा मन
दिल्ली की पहली बारिश, और बारिश मे भीगने की बचपन से बनी आदत से मजबूर रिमझिम फुहारों मे जम कर भीगा। थोडी बरसात के पानी से भींगा, थोडी आंखों की नमी से भींगा। थोड़ा मौसम की फुहारों से भींगा, थोड़ा पुरानी यादों के सफर से भींगा।
तेरे बिना आई ये पहली बरसात ना जाने यादों के कितने पीटारों को खोल कर रख दिया। याद है मुझे तेरा बरसात मे भींगना; बारिश की पहली फुहार के साथ अभि-अभि की रट लगाकर अभि को अभि की पूर्णता दे देना। तेरे साथ बरसात की यादों का लंबा सिलसिला जुड़ा है और हर बरसात के साथ यादों का एक अनवरत श्रृंखला भी।
आज दिल्ली मे मानसून की पहली फुहार थी। तन तो थोड़ा ही भींगा पर मन पुरा भीग गया। ऊपर से राजधानी पॉवर की मेहरबानी से बरसात आरम्भ होने के साथ 6 घंटों के लिए गायब हुई बिजली ने पानी से नही भींगने वालों को पसीने से जरुर भीगा दिया।
ऊपर से सड़क पर जमा पानी और इसके बाद आरम्भ हुआ सड़क जाम ने राजधानी क्षेत्र की दुर्दशा को सामने ला कर रख दिया। रात मे 12 बजे बिजली आने पर थोडी राहत मिली। मन तो अब भी वैसे ही भीगा है पर तन से पसीने की चिपचिपाहट कम होने लगी है। अब मै भी भीगे मन के साथ तेरे सपने मे खोने की कोशिश करने के लिए जा रहा हूँ।
तेरे बिना आई ये पहली बरसात ना जाने यादों के कितने पीटारों को खोल कर रख दिया। याद है मुझे तेरा बरसात मे भींगना; बारिश की पहली फुहार के साथ अभि-अभि की रट लगाकर अभि को अभि की पूर्णता दे देना। तेरे साथ बरसात की यादों का लंबा सिलसिला जुड़ा है और हर बरसात के साथ यादों का एक अनवरत श्रृंखला भी।
आज दिल्ली मे मानसून की पहली फुहार थी। तन तो थोड़ा ही भींगा पर मन पुरा भीग गया। ऊपर से राजधानी पॉवर की मेहरबानी से बरसात आरम्भ होने के साथ 6 घंटों के लिए गायब हुई बिजली ने पानी से नही भींगने वालों को पसीने से जरुर भीगा दिया।
ऊपर से सड़क पर जमा पानी और इसके बाद आरम्भ हुआ सड़क जाम ने राजधानी क्षेत्र की दुर्दशा को सामने ला कर रख दिया। रात मे 12 बजे बिजली आने पर थोडी राहत मिली। मन तो अब भी वैसे ही भीगा है पर तन से पसीने की चिपचिपाहट कम होने लगी है। अब मै भी भीगे मन के साथ तेरे सपने मे खोने की कोशिश करने के लिए जा रहा हूँ।
2 comments:
sach me pyar kabhi bhulaye nahi bhula ja sakta; apke sachhe pyar ko mera naman
bhot mast likha hai sach mein.............
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