शुक्रवार, 29 मई 2009

रक्तदान: !!!

जीने की जद्दोजहद और पेट भरने के संघर्ष के कारण कुछ दिनों से ब्लॉग पर आना लगभग छुट गया था। आज भी संयोग से इस वक्त अकेले कमरे पर हूँ तो लगा कि अपने पुराने साथी को यादकर लूँ, पर समझ मे नही आता कि क्या लिखू?
आज ऑफिस मे बैठा था तभी मोबाइल पर एक SOS मिला। वह मेरे एक दोस्त के द्वारा फॉरवर्ड किया गया एसएम्एस था। उसके किसी रिश्तेदार को A+ समूह का रक्त चढाने की जरुरत थी और वो भी 8 यूनिट। वैसे ब्लड बैंक मे तो किसी भी रक्त समूह का रक्त देकर दुसरे समूह का रक्त प्राप्त किया जा सकता है पर संयोग से मेरा रक्त समूह भी A+ है। मैंने सोचा कि जिंदगी मे पाप तो हर दिन करते है थोड़ा पुण्य का कम भी कर ले। वैसे मै नियमित अंतराल पर रक्त दान करता रहता हूँ पर बिहार से दिल्ली आने के बाद ये सिलसिला टूट गया था। मैंने भी सोचा कि इश्वर ही मुझे ऐसा मौका दे रहा है।
मै मूलचंद पंहुचा तो पता चला कि अभी तक कोई रक्त दाता उसे नही मिला है। मैंने फॉर्म भरा और रक्त देने के लिए चेयर पर बैठ गया। नर्स काफी अच्छी थी। जरुरत देख कर मैंने 2 यूनिट रक्त दिया और तब तक मेरे दो दोस्त भी वह पहुच गए। इसके बाद मै ऑफिस न जाकर कमरे पर आ गया। अभी बस सोचा कि क्या करू तो कुछ नही सुज्छा और अपनी ये कहानी आपलोगों को झेलने के लिए ब्लॉग पर डाल दिया.

1 comments:

Rahul Kaushal 29 मई 2009 को 3:15 pm बजे  

aapke kary se dil ko harshit kar diya......abhi meri mata ji bhi Kailash men admit thi aur mere ek dost ne11 saal purani dosti ko dhoka de diya.......jiska maine hamesha saath diya usne, B+ hote hue bhi blood nahi diya kher mata rani ke assirwad se mummy ji abhi theek hain par mujhko bhi ek sabak milgaya..............aap jaise logo ko tahedil se naman.............main bhi regular doner hoon

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