शुक्रवार, 6 मार्च 2009

क्या यह बलात्कार का प्रयास था???

हाल मे नोयडा के मैनेजमेंट की छात्र का एमएमएस, एक मीडियाकर्मी का एमएमएस और इन तरह की खबरों के बीच दो घटनाओ ने मुझे अन्दर से उदेलित कियाहालाँकि दोनों मे से कोई घटना मीडिया की सुर्खी नही बनी, ना बन सकती है क्यूंकि यहाँ टीआरपी नही हैइन दोनों घटना का मै ख़ुद साक्षी हूँ पर मैंने इनमे से नाम दिया है ताकि किसी को परेशानी नही हो

पहली घटना साउथ दिल्ली के मुनिरका इलाका का हैआजकल मेरी रात और दिन अक्सर भटकते हुए बीत जाती हैकल भी मै 2 दोस्तों के साथ मुनिरका मे एक दोस्त के पास गया थाथोड़ा सा पार्टी का माहौल था और सब बैठ कर ड्रिंक ले रहे थेअचानक फ्लैट के बाहर किसी लड़की के रोने और सिसकने की आवाज़ आने लगीवह कुछ बोल भी रही थी पर समझ मे नही रहा थाहमलोग बाहर निकले तो देखा तो एक लड़की केवल पैंटी पहने अपने शरीर को छुपाने का प्रयास कर रही थीउसे चादर दिया, तब तक और भी फ्लैट से लड़के बाहर गएलड़की ने सिसक सिसक कर जो बताया उससे जो कहानी सामने आई उसे मै आपको बता रहा हूँ
लड़की उडीसा के किसी गावं की रहने वाली थीदिल्ली मे रहकर कॉल सेण्टर की ट्रेनिंग कर रही थीउसी के पास के गावं का एक लड़का भी दिल्ली मे ही रहता है. वह दूर के रिश्ते मे उसका भाई भी लगता हैवह अक्सर उससे मिलाने आता रहता थाकई बार रात मे भी रुक जाता थालड़की के घरवाले भी इस बात को जानते थेउस रात भी वह लड़का आया हुआ थावह अपने साथ बोदका ले कर आया थाउसने फ्लैट मे ही बोद्का पी और थोडी सी लड़की को भी पिलाईलड़की ने भी साथ देने के लिए थोड़ा सा पी लियालड़की का कहना था कि पीने के बाद वह लड़का उसके साथ बदतमीजी करने लगाउसने लड़की के कपड़े भी उतर दिएलड़की ने जब मना किया तो जबरदस्ती पर उतर आयाकिसी तरह से बचकर वह बाहर निकली
वह मौजूद लड़के उसके कमरे मे जाकर उस लड़के को बाहर ले कर आएवह नशे मे था पर उसने दूसरी ही कहानी सुनेउसका कहना था कि लड़की उसके साथ फ्लर्ट करती थीआज उसे मौका मिला तो पहले तो साथ देने लगी फिर अचानक वह विरोध पर उतर आईखैर ये तो उनका किस्सा है, बाद मे उस लड़की ने भी उसे चुपचाप वापस भेज दिया। पुलिस मे शिकायत दर्ज कराने से मना कर दिया और घर पर भी किसी को फ़ोन कर बताने से इंकार कर दिया।
पर प्रश्न यहाँ उठता है कि समाज मे इस प्रकार के सम्बन्ध कब प्रश्रय पाने लगते है? आखिर क्या हो जाता है कि माता पिता भी इनसब से आँख बंद कर लेते है?

दूसरी घटना अगली पोस्ट मे
जिससे किया प्यार उसने पहुचाया बाज़ार

2 comments:

अनिल कान्त 6 मार्च 2009 को 4:50 pm बजे  

आप भी मीडिया वाला काम ही कर रहे हैं

RAJNISH PARIHAR 6 मार्च 2009 को 7:16 pm बजे  

mamlaa clear nahin hai...shayad dono me misunderstanding hui..aur bhapada ban gaya...

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