शुक्रवार, 12 दिसंबर 2008

...और दिल्ली हिलने से बच गई

...मै तो डर ही गया था कि अगर दिल्ली हिल गई तो मेरा क्या होगा। पर खुदा का लाख लाख शुक्र है कि दिल्ली अभी तक नही हिली है, आगे खुदा ही जाने। शायद आप सोच रहे है कि कही मै पागल तो नही हो गया? क्या अनाप-सनाप बके जा रहा हूँ? दिल्ली के हिलने के बारे मे कही कोई ख़बर नही है। अगर ऐसा कुछ होता तो चैनल वाले अब तक ब्रेकिंग न्यूज़ के सारे ब्रेक तोड़ दिए रहते।
हाँ भाई आपका कहना भी सही है, पर मैंने ही नही मेरे साथ सफर कर रहे ढेर सारे लोगो ने घंटो सुना कि कल दिल्ली पहुचने की देर है, पुरी दिल्ली हिलेगी। अब आप बेसब्र नही हो, मै आपको पुरी बात बताने जा रहे है...
मै बिहार के पशिमी चंपारण जिला के बेतिया से सप्तक्रांति सुपर फास्ट (2557) के शयनयान श्रेणी के एस-५ मे 22 नंबर बर्थ पर बैठा था। अचानक तेज शोर की आवाज सुनकर बगल मे गया तो वहा अपने को बिहार मे राजद के प्रदेश महासचिव बता रहे एक सज्जन टीटीई के साथ उलझे हुए थे और दिल्ली हिलाने की धमकी दे रहे थे। टीटीई का गुनाह बस इतना था की उनके सामान्य श्रेणी के टिकट पर शयनयान मे चलने के कारण जुर्माना कर टिकट बना दिया था। इससे नाराज सज्जन पुरे बोगी मे घूम घूम कर दिल्ली जाते ही दिल्ली हिलाने की धमकी दे रहे थे। उनका एक वाकया उन्ही के शब्दों मे - "लालू के ट्रेन मे हमनी के 500-1000 रूपया दे के चलल जाई, अभी इ लोग के बुझात नइखे, दिल्ली पहुचे दा तब बतावातानी कि का होला जुर्माना"।
लगातार धमकी देने के साथ साथ मोबाईल पर उन्होंने छौडादानो के राजद विधायक व एक बार कथित डीआरएम से भी टीटी की बात कराइ। बाद मे टीटी भी उनके रौब मे आ कर उन्हें मनाने लगे। फिर उन्हें लेकर वे वातानुकूलित डब्बे मे चले गए। उसके बाद की कहानी तो पता नही, फिर भी मै डर रहा था कि कही आज दिल्ली न हिल जाए।
वैसे एक बात मै जानना चाहता हूँ कि ये ट्रेन कब से लालू की हो गई और क्या लालू के रेल मैनेजमेंट मे ट्रेन पर राजद के लोगो का यात्रा करना मुफ्त हो गया है? वैसे मैंने यहाँ किसी भी सज्जन का नम नही दिया है क्योंकि मै भी बिहार का ही रहने वाला हूँ और dआर तो मुझे भी लगता है न॥
ये तो मेरी वापसी की यात्रा थी, जाने की रामकहानी भी कम मजेदार नही है
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मेरी रेल यात्रा बनाम दुर्गति, चोरी और सबक

2 comments:

Unknown 13 दिसंबर 2008 को 10:53 am बजे  

gud exp....... chalo achha time pass hus apka.n daro mat dilli ko abhi koi nahi hila sakta at least wt ke vidhayak to bilkul hi nahi."Lalu ki train" aap bihar ke hokar v ye bat nahi samjh sake?????aap to juronalist v ho na fir ye sab bate to apke liye aam hi hongi .....aur jab aap log iske liye kuch nahi kar rahe to hum...........i think koi kuch nahi kar sakta...........whts ur views........

sarita argarey 15 दिसंबर 2008 को 10:49 pm बजे  

अभिषेक जी ,
आपने आज मेरी पोस्ट पढी । धन्यवाद ।
लेकिन आपसे मेरी गुज़ारिश है कि वक्त निकाल कर इसे शांत मन से दोबारा पढें । साथ ही टिप्पणियों पर भी एक निगाह डालें आपको जवाब खुद ब खुद मिल जाएगा । आप कवि हैं ,लेकिन देश के नौजवानों की यही सबसे बडी कमी है कि वे हमेशा घोडे पर सवार रहते हैं और आधी अधूरी बात सुन पढ कर अपनी राय बना लेते हैं । जोश होना अच्छी बात है लेकिन होश खोकर जोश के कोई मायने नहीं ।ये बात जीवन में आगे भी आपके काम आएगी । याद रखिएगा ।

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