एक प्रश्न आपके लिए
आज बस आपस की बात, कुछ अपने मन की बातें आपके साथ बांटने का मन कर रहा है। मेरे जो दोस्त है उन्हें पता है की मै अभी ४ ब्लॉग चला रहा हूँ। एक तो आपके सामने है, दूसरा जिसपर मै अपनी कवितायें लिखता हूँ, तीसरा तकनिकी ब्लॉग है जिसपर कंप्यूटर हार्डवेयर व सोफ्टवेयर से सम्बंधित समस्या व समाधान रहता है। एक और ब्लॉग कंप्यूटर तकनीक से सम्बंधित ही है पर उसे अंगरेजी मे लिखता हूँ।
कुछ दिनों से ब्लॉग पोस्ट अपडेट नही हो पा रहे है क्यूंकि मै जॉब बदलने के प्रयास मे कुछ ज्यादा व्यस्त हो गया हूँ। फिर भी लिखने की आदत छुटनी नही है, और समय निकाल कर आ ही जाता हूँ ब्लोगरो की दुनिया मे। यहाँ मुझे बहुत कुछ सिखाने को मिला और मेरे एक शिष्य ने ब्लोगिंग से सम्बंधित कई सारे टिप्स भी दिए। मेरे से पढ़ा हुआ वो लड़का आजकल अंकित नाम से प्रथम नामक ब्लॉग के साथ छाया हुआ है।
हाँ फिर मै मूल मुद्दा से भटक रहा हूँ। वास्तव मे आज पोस्ट लिखने का मूल मकसद आपसे कुछ प्रश्न पूछना था। आपके साथ एक बहस की शुरुआत करनी थी, शायद मै कुछ जानना या सीखना चाहता हूँ। और आज आपसब से अनुरोध है कि आप अपने विचार जरुर रखे।
मेरा प्रश्न है कि समाज मे अगर आप किसी के साथ बहुत नजदीक से जुड़े है और आप उसके भले के लिए कुछ कराने की कोशिश करते है तो आप अपना हद किस प्रकार निश्चित करे। किस हद तक आपको दखलंदाजी करनी चाहिए। क्या आपको सामने दिख रहा है की वो कोई गलती कर रहा है फिर भी इस लिए आपको चुप रह जाना चाहिए कि कुछ कहने से उसे बुरा लग जाएगा या फिर आपको आगे बढ़ कर सच्चाई बताने की कोशिश करनी चाहिए।
प्रश्न मेरे लिए व्यक्तिगत है पर मै अपने ब्लोगर साथियों से पूछना चाहता हूँ की मुझे क्या करना चाहिए??????
3 comments:
umra me aapse kafi chota hoon but fir bhi jab aapne 1 maika diya hai to jarur kehna chahunga ki...
bhaiya hum jab dil se bahut saaf aur ache vicharo wale hote hai to hum duniya ko bhi usi nazro se dekhna pasand karte hai jo ki vastvikta se bilkul pare hai...aaj ki duniya me agar aap kisi se pyaar karte hai aur uska bhala chahte hue bhi agar uski azadi me badha dalte hai to use bura feel hota hai...wo uske piche chipi hui bhavnao ki parwa nahi karta vanaspat use apni azadi jyada pyari hoti hai...jo uske k liye to uski nazro me sahi hai but samne wale ki hridaya me 1 vedna chhod jati hai..
jab aap kisi se bahut najdik se jude hain to jarur hi apko uske achhe bure ka v pura khyal rahta hoga , aur is condition jab wo kuch galat karta hai aur aap ye sochkar ki use bura lagega kuch nahi bolte n wo sach me galat kar raha hai to bad me to us galat ka asar us par padega hi tab aap kya karoge????????apko achha lagega ki wo us galti ke karan paresan hai jabki aap use is paresani se bahut pahle hi bacha sakte the..........its upon u what u want.....aaj use bura lage ya kal wo paresan ho?????
jab aap usse bahut jyada najdik hain to aap use kuch bhi bol sakte ho..balki agar woh bhi utna hi maanta ho to use kabhi bhi bura nahi lagega...kyunki aap apni jagah pe bilkul sahi jo ho..agar use bura lage to aap samajh jana ki woh apko pasand nahi karta hai...mere opinion me to aap uske bare jo bhi thinking rakhte ho uske bare me jaisa bhi sochte ho sab bata do..agar woh kuch galat kaam kare to apko jarur batana chahiye..coz ...aap to use frnd mante ho na..mujhe to yahi sahi lagta hai...aur ab jo karoge woh sahi hi hoga...
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