मंगलवार, 2 दिसंबर 2008

कोटा पढ़ाई के साथ क्राइम की कोचिंग

आप अगर अपने बच्चो के शिक्षा के लिए लिए कोटा को चुन रहे है तो एक बार जरुर पढ़े।

आम तौर पर लोग सोचते है कि राजस्थान मे होने के कारण कोटा की संस्कृति और वातावरण बच्चो के लिए अनुकूल होगा। परन्तु आज कोटा कोचिंग क्लासेज के नाम से मशहूर कोटा सांस्कृतिक क्षरण और और आपराधिक घटनाओ से जुंझ रहा है। विद्यार्थियों के द्वारा मोबाइल चुरा लेना, पैसे चुरा लेना, लड़कियों को छेड़ना, शराब पीकर हंगामा करना, मोटरसाईकल पर तीन की संख्या मे सवार होकर लड़कियों के दुपट्टे खीचते हुए जाना आदि छोटे अपराध है। इस बात को पुलिस ने ख़ुद माना है और इसके लिए कारवाई भी कर रही है।

विवरण देखने के लिए यहाँ क्लिक करे - कोटा के कोचिंग छात्रों पर पुलिस का शिकंजा
कोटा विशेष रूप से लड़कियों के लिए असुरक्षित हो चुका है। यहाँ इंद्रानगर और तलवंडी के डीएवी रोड पर सम का धुंधलका होते ही बिगडैल बच्चो का झुंड जमा हो जाता है। इनका काम सड़क पर चलती लड़कियों को धक्ल्का देना, उनके कपडे खीचना, अश्लील फब्तिया कसना होता है। इनके भय के कारण संसकारिक लड़किया शाम होने के बाद अपने कमरे से निकलने से डराने लगी है। इसके अलावा छात्र छात्राओ पर किसी प्रकार का अंकुश नही रहने के कारण खुलेआम लड़के लड़कियों का एक दुसरे से मिलना और मेट्रोपोलिटन संस्कृति को अपनाना आम हो गया है। आज स्थिति ये हो गई है कि अगर कोई भाई अपनी बहन को लेकर कोटा के किसी होटल मे जाए तो होटल वाले उनपर भी शक करते है और कमरे देने से पहले हजारो सवाल पूछते है।
कोटा के शैक्षिक वातावरण के पतन का एक प्रमुख कारण विद्यार्थियों का जमघट भी है। यहाँ आने वाले विद्यार्थियों मे सभी पढ़ने वाले हो एसा भी नही है। बहुत सारे लड़के लड़किया धनी परिवारों से होते है जो 1-2 साल मौज मस्ती कराने के लिए आते है। इनका प्रभाव उनलोगों पर भी पड़ता है जो पढ़ने के इरादे से आए होते है। वैसे भी अधिकाश छात्र छात्र पहली बार घर से दूर खुले और स्वतंत्र वातावरण मे आकर माता पिता के विश्वास और पैसे का दुरूपयोग मे लग जाते है। यहाँ के छात्रावास या पेइंग गेस्ट रखने वाले भी लड़के लड़कियों पर कही से अंकुश नही लगना चाहते है। कौन कहा जाता है, किस से मिलता है, क्या करता है, इससे इनको कोई मतलब नही होता।
इसका परिणाम है कि कोटा कोचिंग क्लासेज के नाम से मशहूर ये शहर अब अराजकता, सेक्स, अपराध के लिए भी सुर्खियों मे आने लगा है। मेरा ख़ुद का अनुभव ये है की फैशन और आधुनिकता मे राजस्थान का ये छोटा सा इलाका राजधानी दिल्ली का भी कान कट रहा है। अतः आप जब अगली बार अपने बच्चो के शिक्षा के लिए कोटा को चुने तो एक बार इन सारी बातो पर भी जरुर गौर कर ले।

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