बहुत दिनों से ब्लोगिंग से दूर रहा। मानसिक परेशानी के कारन कुछ नही लिख पा रहा था। कभी कभी वक्त ख़ुद मे एक शिक्षक की भूमिका मे उतर कर हमें जिंदगी की दास्ताँ सिखा जाता है। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ।
"दर्द पराया अपना मानो" का अनुसरण करते हुए सबको साथ ले और सबके भले के लिए सोचते हुए जीने की कोशिश कर रहा था। पर बदले मे लांछन के अलावा कुछ ना मिला। पहले मै किस्मत पर विश्वास नही करता था। पर अब लगने लगा है कि किस्मत भी कोई चीज होती है। जिंदगी के सफर मे एक एक कर लोग बिछड़ते रहे। जिन्हें अपना माना उनलोगों ने भी बड़े ही मज़े से मेरा उपयोग किया और वक्त आने पर दूध से मक्खी की तरह निकल बाहर किया। और बही बहुत सारे राज़ है पर कुछ राज तो राज़ ही रहना चाहिए न।
मेरे साथ तो ऐसा बचपन से होता रहा है। ना जाने कितने नाम है जेहन मे। कहते है वक्त हर चीज को भुला देता है, पर मै तो ऐसा नही मानता। आज भी हर एक घटना, हर एक यादें जेहन मे ऐसी ही ताज़ा बनी हुई है। आज जी भर कर शिकायत करने का दिल कर रहा है। शायद ऐसे ही कुछ दिल हल्का हो जाए। बचपन से एक एक कर रिश्ते नाते और दोस्त बिछड़ते चले गए। जिनसे बंधे की कोशिश की गई उसने जिंदगी का सबसे गहरा जख्म दे दिया। मै संवेदनशील होने के कारण सबके गम को अपना मान जिसके लिए जो हो सका, करने की कोशिश की। पर अंत मे हमें क्या मिला? बस धोखा या बेवफाई...
और जब हम जिन्दगी हार बैठे थे तो मसीहा के रूप में फिर एक ऐसा इन्सान आ गया जिसने मुझे जीने के लिए एक नया नजरिया दिया। बहुत सोचा और यही लगा की जिंदगी अगर रही तो फिर किसी का भला कर पाएंगे, भले बदले में कांटे ही क्यूँ न मिले. और फिर एक नई जिंदगी के लिए वक्त के साथ लडाई आरम्भ कर दिया है.कहते है कि "वक्त बेवफा होता है; इन्सान नही" और ये तो मेरे लिए सबसे बड़ा सच है. आज जब थोड़ा बुरा वक्त आया तो सबने एक एक कर साथ छोड़ना आरम्भ कर दिया, और अंत में मेरे पास शुन्य के सिवा कुछ न बचा. पर मुझे लगता है कि फिर वक्त मेरे साथ होगा, पर अब मुझे इस सफर में किसी का साथ नही चाहिए ना ही मै किसी को अपना मानने की हिमाकत कर पाऊंगा।
4 comments:
Sachmuch ,himmat nahi chodni chahiye....kya pata agli mod par koi apna aur khushi ,dono intjaar kar rahi ho.
इतने दुखी क्यों हो गए थे आप.....इस दुनिया में आए हैं तो जीवन का हर रंग देखना ही पडेगा.....और जब रास्ते बंद हो जाते हैं ....तभी एक नया रास्ता खुलता है जीने के लिए।
सबसे पहले रंजना व संगीता जी आपको धन्यवाद. सच है कि कई बार जब हम हिम्मत हार जाते है तो कही से टिमटिमाता दिया हमे प्रकाश दिखा जाता है. और यही प्रकाश मंजील पर पहुचने का सहारा बन जाता है.
its very meaningful and one of ur best creation
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