मंगलवार, 10 जून 2008

कौन है अबला??????

कहने को सब कहते रहते कुछ कड़वी कुछ मीठी बातें
अनजाने ही दे जाते है कोमल मन को गहरी घाते
जीवन भी बड़ा अजीब है, कौन अबला है कौन सच्चा कहना बड़ी मुश्किल है
मेरे कहने का क्या आशय है इसे समझाने के लिए कुछ और बातें समझनी होगी

मैं पत्रकारिता से भी जुडाहूँ तो कुछ इस प्रकार की घटनायें सामने आती ही रहती है। इसमे बस पात्रों का नाम बदल दिया गया है।
बेतिया के बसवारिया मुहल्ले से ख़बर मिली की किसी महिला को उसके परिजनों ने जलने का प्रयास किया है।
ख़बर मिलते ही घटनास्थल पर पहुचे तो लड़की का पिता बड़ी ही दयनीय अवस्था मे रो रो कर सबसे कह रहा था की उसकी बेटी के ससुराल वालों ने उस पर मिटटी का तेल डालकर जलने का प्रयास किया है। उसकी स्थिति बहुत नाजुक है। वह मौजूद कुछ लोगों ने इस बात का समर्थन भी किया। पुलिश आई और लड़की के पति, देवर, सास एवं ससुर को पकड़ कर ले आई। हमने भी अपना कवरेज किया और घटन प्रकाशित भी हों गई।
एक महीने के बाद हम यूं ही थाना मे बैठ कर बातें कर रहे थे कि बातों ही बातों मे उस महिला की बात चल पड़ी। हमारी दिलचस्पी इस बात मे थी कि उसके पति व अन्य को क्या सज़ा मिली।
परन्तु जब इसका विवरण पता चला तो वाकया एकदम उलट था। लड़कीवाले ससुराल पक्ष से किसी बात से नाराज़ थे। वे लोग बार बार लडके पर दबाव बना रहे थे कि वह घर से अलग हों कर रहे। पर लड़का ये बात मनाने को तैयार नही था। उसे सबक सिखाने के लिए योजना बना कर सारा कार्य किया गया था। पहले लड़की का पिता आकर मुहल्ले मे लडके के विरोधियों से मिल कर उनको रुपया दिया और अपने पक्ष मे खड़ा किया। इसके बाद घर से लड़की को खीच कर बाहर निकला गया और कुछ दूर ले जाकर उस पर मिटटी का तेल डाला गया। उसको आग लगा कर थोड़ा जला देने की भी योजना थी। पर लड़की के चिल्लाने के कारन उसे छोड़ दिया गया। इसके बाद पुलिस को पैसे दे कर साडी कार्यवाही कि गई। पर एसपी द्वारा जाच मे साडी सच्चाई सामने आ गई।

अब आप बताये किसपर विश्वास करे........

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