दोषी कौन???
सबसे पहले क्षमाप्रार्थी है कि आपलोगों से कुछ दिन बाद सामना हों रहा है। आज मौसम सुहाना है। बाहर बारिश हों रही है। बारिश का मजा लेने का मन किया तो कार्यालय छोड़ कर सड़क पर निकल पड़े... बहुत सुखद अनुभव लगा। लगा बचपन लौट आया है, मन मे खुशी कि तरंगे हिलोरे लेने लगी... अभी लालबाजार पहुचे ही थे कि सड़क पर पानी जमा होने लगा। पहले तो मन खिन्न हों गया नगरपालिका की व्यवस्था पर, फिर ध्यान मे आया कि सारा नाला तो जाम पड़ा है। नाले पर घर बने है, घर बनने मे पूर्व चेयरमैन तक शामिल है... एक बड़े गैस एजेन्सी के मालिक ने तो पूरे बड़े नाले के ऊपर ही घर बना लिया है। अब नाला ही न रहा तो पानी कहा से जाएगा... फिर पानी नही जाएगा तो उसे शहर मे ही जमा होना पड़ेगा... तो गलती किसकी है??? क्या हम दोषी नही है... आख़िर व्यवस्था तो हमारी बनाई हुई ही है न...
आज यह कहानी लगभग हर मंझोले शहर की बन गई है। बिजली नही, पानी नही, नाला जाम, सड़क पर कचरा... दोषी कौन???
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