मंगलवार, 23 जून 2009

बधाई गुडिया

यूँ ना जाने कैसे कभी कभी बिन मांगी खुशियाँ मुफ्त मे मिल जाती हैकभी कागज के पन्ने मेरे सच्चे साथी हुआ करते थे और आज ब्लॉगलगभग सारी बातें अब यही शेयर करने लगा हूँ
मुझे बहुत आश्चर्य हुआ सुनकर कि मेरी गुडिया को 382 रैंक आया है मेडिकल मेचलो खुदा ने कही तो सुनीथोड़ा पटरी से हटने लगी थी उसकी जिंदगी और मै भी बहुत परेशान था कि क्या किया जाएपर अचानक सब सही हो गयाआज सब से दूर होने के कारन यह खुशी भी किसी के साथ शेयर नही कर सकता पर इतना जरुर है कि बहुत अच्छा लग रहा है अभी, मेरी गुडिया की खुशी उसे मिल गई और मेरा सपना भी पुरा हो गयागुडिया तू जहा भी रहे खुश रहे और अपनी जिंदगी मे तरक्की और कामयाबी की मिसाल कायम करे और मुझे पता है तू कर सकती है
बधाई

2 comments:

Udan Tashtari 24 जून 2009 को 1:05 am बजे  

बहुत बधाई हो.गुडिया के लिए शुभकामनाऐं.

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