मंगलवार, 23 जून 2009

मेरा प्यार मेरी पूजा...

एक लड़की कब मेरी जिंदगी बन गई, कब मै उसके साथ खो गया, कब मैंने सारे रिश्तों को उसके लिए तोड़ दिया, कब मैंने साडी खुशी उसके साथ जोड़ लिया, कब मैंने अपनी जिंदगी उसके नाम कर दी और कब उसने सब बंधन, सब रिश्ते को महज वक्ती आकर्षण करार देते हुए सब कुछ ख़त्म कर दिया पता ही ना चला
एक परिकथा तो थी, जहा बस प्यार ही प्यार था, जहा बस विश्वाश था, जहा सब कुछ छोड़ देने का जज्बा था, जहाँ साथ जीने की जगह जिंदगी भर प्यार करने की ख्वाहिश थीअगर उसने कहा होता कि अभि मैंने तुमसे पहले ही कहा था कि ये बंधन स्थाई नही है, पर मेरा प्यार तुम्हारे लिए सच्चा था, है और रहेगा; पर मुझे दूर जाना है और मै जा रही हूँ तो शायद मै ख़ुद उसे उन रास्तों पर लेकर चलतापर मेरी किस्मत मे किसी का प्यार या विश्वाश लिखा कहाँ हैउसने भी मुझे, मेरे प्यार और मेरे अहसासों को ग़लत करार देते हुए एक झटके से सब ख़त्म कर दिया
सब ख़त्म हो गया है, पर हिंदू धर्म मे तो इस रिश्ते को जन्म जन्मान्तर का माना जाता है ... ये तो मेरा दूसरा जन्म था उसके इंतजार मे; दूसरा इसलिए कि ये रिश्ता इस जन्म का तो बना हो ही नही सकता... और अभी पांच जन्म बाकि है उसका इंतजार करने के लिए... बहुत बकवास लगेगा आपको मेरी ये बात पर क्या करू मै ऐसा ही हूँ और सच मे इंतजार करूँगा उसका पांच जन्मो तक
और हाँ इस जन्म मे उसके बाद और कोई मेरी जिंदगी मे सकता है, ये तो सपने मे भी सोचने की जरुरत नही है... आज भी सुबह उसके नाम के साथ होता है और रात उसके नाम पर ढलती है... और हाँ पूजा भी उसके नाम की ही करता हूँ... और दुआ कहे या प्रार्थना सब उसके लिए ही होता है।
बस कामना यही है की जहाँ भी रहे खुश रहे... आज उसके साथ मेरा कोई संपर्क नही, पर मुझे पता है कि मै ग़लत था और उसने अपनी जिंदगी के लिए अपनी रह ख़ुद चुनी तो इसमे किसी की कोई गलती नही है... उसकी हर खुशी की कामना के साथ बस... आमीन

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